BREAKING NEWS: चर्च की जमीन पर मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष, पादरियों ने हिंदुओं को अनुष्ठान की अनुमति दी!
तिरुवनंतपुरम, 13/02/2025 – केरल के पलाई में एक ऐतिहासिक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक रोमन कैथोलिक चर्च की जमीन पर प्राचीन मंदिर के अवशेष पाए गए हैं। यह मामला उस समय सामने आया जब चर्च की 1.8 एकड़ ज़मीन पर कसावा की खेती के लिए खुदाई की जा रही थी और इस दौरान शिवलिंग समेत अन्य मंदिर के अवशेष मिले। इस घटना के बाद चर्च कमेटी और पादरियों ने हिंदू समुदाय को धार्मिक अनुष्ठान “देवप्रश्नम” करने की अनुमति दी है।
क्या है देवप्रश्नम?
देवप्रश्नम एक प्राचीन ज्योतिषीय अनुष्ठान है, जिसमें विशेष विधियों से भगवान की इच्छा जानने की कोशिश की जाती है। इस अनुष्ठान में ज्योतिषी की मदद से देवताओं के संकेत प्राप्त किए जाते हैं। यह अनुष्ठान आमतौर पर मंदिरों में या पवित्र स्थलों पर किया जाता है, और इसका उद्देश्य शुभ और अशुभ के संकेत प्राप्त करना होता है।
घटना की जानकारी
यह घटना 4 फरवरी को हुई जब चर्च की ज़मीन पर कसावा की खेती के लिए खुदाई की जा रही थी। खुदाई के दौरान, शिवलिंग और अन्य मंदिर के अवशेष मिलने से यह मामला चर्चा का विषय बन गया। चर्च की ज़मीन वेल्लप्पाडु के श्री वनदुर्गा भगवती मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर दूर स्थित है।
इतिहास का पन्ना
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ज़मीन पहले एक ब्राह्मण परिवार के पास थी, लेकिन समय के साथ यह कैथोलिक चर्च के स्वामित्व में आ गई। 100 साल पहले यह मंदिर नष्ट हो गया था। जब चर्च की ज़मीन पर अवशेष मिले, तो चर्च और हिंदू संगठनों के बीच चर्चा हुई, जिसके बाद चर्च ने हिंदू समुदाय को धार्मिक अनुष्ठान करने की अनुमति दी।
समाज में शांति और सद्भाव का संदेश
इस घटनाक्रम ने यह साबित किया है कि धार्मिक सद्भाव और आपसी समझ से विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग संभव है। चर्च और हिंदू संगठनों के बीच अच्छे संवाद की वजह से कोई विवाद नहीं हुआ, और दोनों समुदायों ने एक साथ मिलकर समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने का निर्णय लिया।
क्या आपका मानना है?
क्या इस तरह की घटनाएं समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देती हैं? क्या हमें धार्मिक समुदायों के बीच समझदारी और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए?
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